- Advertisement -
Home Uncategorized चेतावनी: वित्त मंत्री का बैंकों और NBFCs को निर्देश, 15 सितंबर तक...

चेतावनी: वित्त मंत्री का बैंकों और NBFCs को निर्देश, 15 सितंबर तक लागू करें लोन रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम

0

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कर्ज पुनर्गठन (लोन रिस्ट्रक्चरिंग) योजना तेजी से लागू करने को लेकर गुरुवार को बैंकों और NBFCs (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) प्रमुखों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कोविड-19 से जुड़े दबाव वाले कर्ज के समाधान को लेकर तत्काल नीति पेश करने, पात्र कर्जदारों की पहचान करने और उन तक पहुंचने पर जोर दिया. सीतारमण ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाधान योजना 15 सितंबर 2020 तक लागू हो जानी चाहिए और उसके बारे में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए.



वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए हुई बैठक में सीतारमण ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा, ‘‘बैंक और एनबीएफसी दबाव वाले कर्ज के समाधान को लेकर तत्काल अपने-अपने निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त नीति को पेश करें, पात्र कर्जदारों की पहचान करें और उन तक पहुंचें. बैंकों को प्रत्येक व्यावहारिक कंपनियों के पुनरूद्धार को लेकर तेजी से समाधान योजना को क्रियान्वित करना चाहिये.’’



एकबारगी कर्ज पुनर्गठन की है अनुमति
उल्लेखनीय है कि लोन मोरेटोरियम 31 अगस्त को समाप्त होने के बाद दबाव वाले कर्जदारों को राहत पहुंचाने के लिये रिजर्व बैंक ने एकबारगी कर्ज पुनर्गठन की अनुमति बैंकों को दी है. बयान के अनुसार करीब तीन घंटे चली बैठक में बैंकों और एनबीएफसी प्रमुखों ने आश्वस्त किया, ‘‘वे समाधान नीति को लेकर तैयार हैं और पात्र कर्जदारों की पहचान और उन तक पहुंच को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. वे रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित समयसीमा का अनुपालन करेंगे.’’



यह भी पढ़ें :किसान विकास पत्र-आपकी मुद्रा योजना! इन महत्वपूर्ण KVP विवरणों को अवश्य जान लें

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले महीने कहा था कि वह कंपनियों और खुदरा कर्जदारों को राहत देने के लिये कर्ज को एनपीए में डाले बिना एकबारगी पुनर्गठन की अनुमति दे रहा है. बैंक आरबीआई के नियम और पात्रता के अनुरूप निदेशक मंडल से पुनर्गठन व्यवस्था की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में हैं. आरबीआई ने छह अगस्त को अधिसूचना जारी कर इस बारे में नियम और पात्रता मानदंड तय किये थे. कर्ज पुनर्गठन का लाभ वे लोग ले सकते हैं, जिनके कर्ज की किस्त एक मार्च तक आ रही थी और किस्त के भुगतान में 30 दिन से अधिक देरी नहीं हुई है.

6 सितंबर तक आ सकती है अधिसूचना
इसके अलावा रिजर्व बैंक द्वारा गठित के वी कामत समिति इस बारे में वित्तीय मानदंडों पर काम कर रही है. समिति की सिफारिशों को उसके गठन के 30 दिन के भीतर अधिसूचित किया जाना है. इसका मतलब है कि अधिसूचना छह सितंबर तक आ जानी चाहिए. वित्त मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिये रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रहा है कि समाधान प्रक्रिया में आरबीआई से बैंकों को हर संभव मदद मिल सके.



कर्जदारों को त्योहारों से पहले अधिक से अधिक राहत दें बैंक
बैठक में वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस), आंशिक कर्ज गारंटी योजना (पीसीजीएस 2.0) समेत अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की और बैंकों को कर्जदारों को त्योहारों से पहले जहां तक संभव हो ज्यादा-से-ज्यादा से राहत उपलब्ध कराने को कहा. बयान के अनुसार ईसीएलजीएस के तहत बैंकों ने 31 अगस्त, 2020 तक कुल 1.58 लाख करोड़ रुपये के ऋण की स्वीकृति दी है. इसमें से 1.11 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं. वहीं पीसीजीएस 2.0 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 25,055.5 करोड़ रुपये मूल्य के बांड/वाणिज्यिक पत्र (सीपी) की खरीद को मंजूरी दी है. इसमें 13,318.5 करोड़ रुपये की राशि एए- से नीचे की रेटिंग वाले बांड/सीपी से संबंधित है.



व्यवसायों को पटरी पर लाने के भी हों प्रयास
वित्त मंत्री ने बैंकों और एनबीएफसी को कंपनियों और व्यवसायों की जरूरतों के साथ-साथ व्यक्तिगत कर्जदरों की आवश्यकताओं का पूरा करने के लिये सक्रियता के साथ कदम उठाने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि बैंक कोविड-19 संकट के कारण मदद के लिए हताश व्यवसायों को पटरी पर लाने के प्रयासों की अगुवाई करें. बैठक में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत से जुड़े उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करने को लेकर बैंकों और एनबीएफसी की सराहना भी की.

- Advertisement -DISCLAIMER
We have taken all measures to ensure that the information provided in this article and on our social media platform is credible, verified and sourced from other Big media Houses. For any feedback or complaint, reach out to us at businessleaguein@gmail.com

Exit mobile version