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ये 6 सरकारी कंपनियां होंगी बन्द, 20 में बेची जाएगी हिस्सेदारी, देखें पूरी लिस्ट!

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Strategic Sale in 20 cpses, 6 Shut Down: भारत की गिरती हुई अर्थव्यवथा को ऊपर उठाने के लिए केंद्र सरकार कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले ले रही है, जो आगामी समय में काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। केंद्र सरकर अब जल्द ही 20 सरकारी कम्पनियो में हिस्सेदारी बेचने वाली है। वही उन 6 सरकारी कंपनियों को बन्द किया जाएगा जो इस समय कुछ खास प्रभावी साबित नहीं हो रही है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में लिखित जवाब के जरिये यह जानकारी साझा की। 6 सरकारी कंपनियों को बन्द करने और 20 में हिस्सेदारी बेचने का मुख्य कारण सरकार का विनिवेश के लिए रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री नीति का पालन करना हो सकता है।

जानें क्या कहा अनुराग ठाकुर ने
सोमवार को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि ‘नीति आयोग के मानदण्डों के आधार पर केंद्र सरकार ने 2016 में करीब 34 मामलों में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। इनमें से 8 में विनिवेश किया जा चुका है। अब 6CPSEs (central public sector enterprises) को बन्द करने पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य 20 में विनिवेश की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।

यह कंपनियाँ हो सकती हैं बन्द
केंद्र सरकार इस समय 6 सरकारी कंपनियों को बन्द करने पर विचार कर रही है। जिन कंपनियों को बन्द किया जा रहा है, वो कुछ इस प्रकार हैं:

• हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड (HFL)
• भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड
• हिंदुस्तान प्रीफैब
• स्कूटर्स इंडिया
• हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट
• कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्टूकिल्स लिमिटेड

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इन कंपनियों की हिस्सेदारी बेची जाएगी
कई सरकारी कंपनियाँ विनिवेश की प्रक्रिया में अलग-अलग स्तर पर है। इन कंपनियों की लिस्ट कुछ इस प्रकार है:

• प्रोजेक्ट एंड डिवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड
• इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड
• ब्रिज एंड रूफ को इंडिया लिमिटेड
• यूनिट्स ऑफ सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआई)
• सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
• भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड
• नागरनर स्टील प्लांट
• अलोय स्टील प्लांट, दुर्गापुर
• सालेम स्टीम प्लांट; भद्रावती यूनिट्स ऑफ SAIL
• पवन हंस
• एयर इंडिया और कम्पनी की पांच सब्सिडिरी के साथ एक जॉइंट वेंचर

इसके अलावा केंद्र सरकार कुछ सरकारी कंपनियों में रणनीतिक बिक्री कर रही है। इन कंपनियों की लिस्ट कुछ इस प्रकार है:

• एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड
• इंडियन मेडिसिन एंड फार्माशूटिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड
• इंडियन टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईटीडीसी)
• हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक्स
• बंगाल केमिकल्स और फार्माशूटिकल्स
• भारत पेट्रोलियम लिमिटेड
• नूमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में बीपीसीएल की हिस्सेदारी
• शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
• कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
• नीलांचल इस्पात लिमिटेड



इन कंपनियों की रणनीतिक बिक्री हो चुकी है पूरी:
साल 2016 में 34 मामलों में रणनीतिक विनिवेश की मंजूरी मिलने के बाद से कुछ कंपनियों में रणनीतिक बिक्री पूरी की जा सकती है।

• एचपीसीएल
• आरईसी
• हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी
• कामाराजार पोर्ट
• नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन
• द्रेदजिंग कॉर्पोरेशन
• टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड
• नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड

क्या होगा इससे फायदा?
भारत में काफी सारे लोग सरकार के इन फैसलों की कड़ी निंदा कर रहे हैं। लेकिन इस निंदा का कारण इन फैसलों का गलत होना नहीं बल्कि कुछ दलों के द्वारा की जा रही गन्दी राजनीति है। सरकार के इस तरह के कदम देश की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने में और लोगों को बेहतरीन विकल्प देने में मदद करेंगे। इससे कंपनियों में लग रहे घाटे को बन्द और कवर भी किया जा सकेगा।

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